Monday, June 22, 2015

हरीश जी ! तुमर तो ग्युं बि खतेन अर तुम नंगी बि दिखे गयां

 हरीश जी ! तुमर तो ग्युं बि खतेन अर तुम नंगी बि दिखे गयां  


                        चबोड़्या, चखन्यौर्या , हंसोड्या   :::   भीष्म कुकरेती 


                     जी हाँ हरीश रावत जी माने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री का तो ना किन्तु  उत्तराखंड का ग्युँ बि खतेन अर हरीश रावत जी नंगी बि दिखे गेन।  इनि केरल का मुख्यमंत्री का हाल छन। 

अच्काल कॉंग्रेस मा ,  भाजपा अर हौर दलों मा छौंपदौड़ , होड़ अर  प्रतियोगिता चलणि च कि अपण राजनैतिक ढुंगळ ,  स्वाळ, पक्वड़  पकाणो चक्कर मा भारत की कथगा ऐसी तैसी करे जावो , हिन्दुस्तान  को कथगा भतियाबन्द करे जावो , इण्डिया  की  कथगा लुटिया डुबाये जावो।  

          पैलो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बि इनि ह्वे। सबि राजनैतिक दलुंनं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को छत्यनाश करणो बान क्वी कोर कोसिस नि छ्वाड़।  भाजपा का कुछ लोग या सगा संबंध्युंन  याने पागल हिन्दुंऊंन  योग तै हिन्दू कर्मकांड का नजीक लिजाणो कोसिस करिक योग कु असली मकसद तै गुदनड़ जोग करणै भरसक प्रयत्न कार।  जब कि योग एक निखालिस मनोविज्ञान अर शरीरविज्ञान का सही मिलाप च।  पांतजलि की योग संहिता जो योग की पुनीत शिक्षा दीणो पुस्तक मने जांद उखमा भगवान पूजा का क्वी मतलब नी च हाँ एक या  द्वी जगा भगवान तै समाधि पाणो एक जरिया का रूप मा मार्ग दिखाए गे ऊ बि यदि गुरु या क्वी रुचिकर चीज से काम नि चलो तो।  योग भगवत प्राप्ति कु साधन नी च अपितु निखालिस समाधि /वर्तमान पाणो एक जरिया च।  योग मा योगासन अर प्रणायाम से पायल नौ अनुशासन प्राप्ति आवश्यक च पर हमारा दुर्जन हिन्दू प्रेम्युंन योग तै भगवत प्राप्ति साधन बतैक योग तै दुसर धर्म्युं से अलग करणै बेवकूफी कार। 

 योग दिवस पर सबसे प्रशसनीय कार्य केजरीवाल व शिशोदिया कु छौ जौन राजनैतिक मतान्तर भुलैक योग दिवस मा भाग लेकि योग दिवस की गरिमा बढाइ । 

 कॉंग्रेस का क्या बुलण ! कॉंग्रेस तै राज करण आंड विरोध जताण नि आंद।  कॉंग्रेस का प्रवक्ता आनंद शंर्मा बुलणा छया बल राजपथ पर योगियों की चटाई चीन की किलै छे ? ये निर्भागी आनंद शर्मा जब तेरी सरकारन भारत मा चटाई उद्योग ही खतम करे द्याई तो अब चटाई तो चीन से ही आली ना।   बेशर्माई की हद च जौन हिन्दुस्तान मा चटाई उद्यम कु सत्यानास कार वो चीनी चटाई पर प्रश्न लगाणा छन। 

फिर एक छन लालू यादव।  जैन एक दै योगगुरु बाबा रामदेव तै बिहार को ब्रैंड एम्बैसेडर बणै छौ वी योग दिवस की खिल्ली उड़ाणु छौ।  बेशर्मी की हद पार करण मा क्वी बि पैथर नि रौण चाणु छौ। 

इटली की बौ सोनिया तो डिप्लोमेटिक छुटि पर चल गे।  वीं तै अर राजकुमार से नरेंद्र मोदिका सही कारनामा दिखे बि नि सक्याण छौ। 

            योगदिवस से भारत तै कथगा इ फैदा ह्वेन , ह्वे सकदन।  योग दिवस से भारतवास्युं को गर्व अवश्य ही बढ़ी होलु जु अत्यावश्यक च। 

                आंतरराष्ट्रीय  योग दिवस से भारत की ब्रैंडिंग मा सकारात्मक बढ़ोतरी का अवसर बढ़ जांदन। 

            योग का प्रचार प्रसार से भारत का योग शिक्षकों व प्राकृतिक चिकित्सा सलाहकारुं मांग अवश्य ही बढ़ली। 


                        उत्तराखंड अर प्राकृतिक चिकित्सा पर्यटन


          कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री हरीश रावत की खुन्नस,  गुस्सा , रोष भाजपा अर मोदी की ब्रैंडिंग से छे कि योग दिवस से इटालियन बौ सोनिया  खानदान की ब्रैंडिंग नी हूणी च अर रावत जीन गुस्सा निकाळ  उत्तराखंड पर्यटन पर। हरीश रावत का तो यी हाल छन बल मि तैबाडा काका  पर गुस्सा आयि अर मीन गुस्सा मा अपणी गोर अपरी पुंगड़ों मा उज्याड़ खलाणो छोड़ देन। 

 उत्तराखंड का  योग,  प्राकृतिक चिकत्सा अर आयुर्वेद से भौत पुराणो संबंध च।  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तो उत्तराखंड पर्यटन का वास्ता एक बरदान छौ , एक सुवसर छौ अर उत्तराखंड तै ये सुवस्र पर योग का आधार पर विदेशी -देसी पर्यटन बढ़ाणो बान भौत सा कार्यक्रम करण चयाणा छया।  ये बगत तो कथगा इ योग केंद्र , योग शिक्षको प्रशिक्षण केंद्र , प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र व प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों की योजनाओं शुरुवात करण चयाणो छौ।  उत्तराखंड मा योग अर प्राकृतिक  चिकित्सा पर्यटन बढ़ाणो बान दुनिया भर का व्यापारियों तै निवेश करणो भट्याणो दिन हूण   चयेणु छौ किन्तु हमारा हरीश  रावत तो कैकेयी बण गेन।  धिक्कार  इन राजनीति पर, धिक्कार  इन राजनीतिज्ञों पर , धिक्कार इन ओछी सोच पर जु राजनीती का फायदा का वास्ता उत्तराखंड ब्रैंडिंग का इथगा बड़ा सुवसर तै बेकार जाया करण मा अग्वाड़ी आइन । धिक्कार च हरीश रावत जी जु तुमन योग दिवस तै दुत्कार। 

 हरीश रावत जी ! दलगत राजनीति महत्वपूर्ण  च किन्तु देश अर राज्य हित तो दलगत राजनीति से अधिक महत्वपूर्ण हूण चयेणी छे।  उत्तराखंड जन प्रदेश तै योग दिवस से कथगा ही फैदा उठाण चयेणु छौ अर हमारा ओछा राजनीतिज्ञ सोनिया परिवार का चप्पल  उठाओं से अळग नि ऐ सकिन।  

इनि केरल बि योग अर प्राकृतिक चिकित्सा से जुड्युं प्रदेश च किन्तु केरल राज्यन बि योग तै भाजपा का सगा संबंधी समझिक योग दिवस का बहिस्कार कार।  धिक्कार च , धिक्कार च , धिक्कार ही च।  

कब देस हित दलगत राजनीती से अळग होली ? 


 

No comments:

Post a Comment