Wednesday, September 18, 2013

By S.r. Darapuri आइपीएफ व सामाजिक न्याय मंच का दो दिवसीय धरना शुरू 1. दंगाई जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार करे सरकार-आइपीएफ 2. पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग हो

By S.r. Darapuri
आइपीएफ व सामाजिक न्याय मंच का दो दिवसीय धरना शुरू

1. दंगाई जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार करे सरकार-आइपीएफ
2. पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग हो 
लखनऊ, 18 सितम्बर 2013: यह दुखद है, लेकिन सच है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगे में गुजरात जैसा मंजर दिखा है। सरकार की स्वीकारोक्ति के अनुसार 50 हजार के करीब लोग अपने गांवों को छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हंै। सरकार को चाहिए कि इस दंगें में जिन जनप्रतिनिधियों का नाम एफआईआर में दर्ज है उन्हें तत्काल गिरफ्तार करें और कड़ी सजा दिलाएं तथा सिर्फ मुजफ्फरनगर ही नहीं सपा सरकार बनने के बाद पूरे प्रदेश में हुए सभी दंगों की न्यायिक जांच करायें। यह मांग आज विधानसभा के सामने आइपीएफ और सामाजिक न्याय मंच के द्वारा शुरू किए गए दो दिवसीय धरने के पहले दिन उठी। इसके अलावा धरने में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करने, निमेष कमीशन की रिर्पोट को सरकार द्वारा स्वीकार कर कार्रवाई रिर्पोट जारी करने, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी और प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने के की मांगें उठायी गयी। 
घरनास्थल पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि साम्प्रदायिक दंगों पर रोक लगाने के लिए यह जरूरी है कि मुसलमानों को सरकारी मशीनरी में उचित प्रतिनिधित्व मिले और उनकीे हिस्सेदारी और भागेदारी को बढ़ाया जाए। रंगनाथ कमीशन तक ने पिछड़े मुसलमानों का कोटा अन्य पिछड़े वर्ग से अलग करने की सिफारिश की, लेकिन अभी तक मुसलमानों के हित की बड़ी-बड़ी लफ्फाजी करने वाली इस सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग नहीं किया जबकि यह निर्णय महज कैबिनेट की बैठक द्वारा किया जा सकता था। यहां तक कि सरकार ने प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन तक नहीं किया।
नेताओं ने कहा कि जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रपट को भी यदि सरकार ने समय से विधानसभा में पेश कर दिया होता और निर्दोष लोगों को रिहा कर दिया होता तो खालिद मुजाहिद की मौत न होती। अभी भी मानसून सत्र के पहले दिन सरकार ने इस रिपोर्ट को बिना किसी ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट के विधानसभा में रखा है। नेताओं ने मांग की कि निमेष कमीशन की रिपोर्ट को सरकार स्वीकार करे और इसके साथ कार्रवाही रिपोर्ट जारी करें और जो अधिकारी दोषी हंै उन्हें दण्डि़त किया जाए तथा आतंकवाद के नाम जितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनके लिए विशेष न्यायालयों का गठन करके उनके मुकदमों का शीघ्र निस्तारण किया जाए।
कल इस धरने को आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के राज्य सचिव का0 एसपी कश्यप समेत अन्य वाम जनवादी दलों के नेतागण सम्बोधित करेगें। आज धरने पर आयोजित सभा को आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस0 आर0 दारापुरी, आइपीएफ नेता लाल बहादुर सिंह, प्रदेश संगठन प्रभारी दिनकर कपूर, सामाजिक न्याय मंच के चैधरी यशवंत सिंह, मोहम्मद आरिफ अंसारी, दयाराम गोस्वामी, शेख अब्दुल गफ्फार, राजेश सचान, राज नारायण मिश्र, श्याम मनोहर, कौशल यादव ने सम्बोधित किया।



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