कोलकाता की सड़कों में अब टैक्सी चलायेंगी महिलाएं!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
बंगाल और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में उठ रहे सवालों का मुंह तोड़ जवाब देने जा रही है मां माटी मानुष की सरकार। कोलकाता की सड़कों में अब टैक्सी चलायेंगी महिलाएं। महिलाओं की सुरक्षा पर अक्सर मुखर प्रख्यात साहित्यकार नवनीता देव सेन ने डा. अमर्त्य सेन के साथ विवाह के बाद जवानी में घर में बच्ची को सुलाकर रात नौ बजे के बाद लंदन में टैक्सी चलाने का अपना अनुभव साझा करते हुए तहेदिल से दीदी के इस क्रांतिकारी उपक्रम का स्वागत किया है।दिल्ली में भी कुछ गैरसरकारी संस्थाओं ने महिला टैक्सी चालकों की सेवाएं लेना शुरु कर दिया है।
भारत में क्यों नहीं?
गौरतलब है कि मध्य पूर्व एशिया में महिलाएं बतौर टैक्सी चालक बहुत लोकप्रिय है। जहां महिलाों को आजादी भारतके मुकाबले बहुत कम है। मध्य पूर्व के देशों में ईरान ने सबसे पहले 2006 में महिला टैक्सी चालकों की इजाजत दी थी। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, लेबनान, सीरिया, कुवैत और मिस्र ने अपने यहां महिलाओं को टैक्सी चलाने की इजाजत दे दी।पुरुष चालकों की तुलना में महिला चालक ड्राइविंग में अधिक ध्यान देती हैं। साथ ही ग्राहक भी पुरुष चालकों के मुकाबले महिला चालकों से ज्यादा सहज महसूस करते हैं।अगर मध्य पूर्व में महिलाएं टैक्सी चला सकती हैं तो भारत में क्यों नहीं। मध्य पूर्व के शहरों में महिलाएं पुरुष चालकों के मुकाबले लोगों को आरामदायक और सुरक्षित सेवा उपलब्ध करा रही हैं। यहां महिलाएं गुलाबी रंग की टैक्सियां बखूबी सड़कों पर दौड़ा रही हैं।
सुरक्षा को लेकर चिंता
अब दो दिन की घोषित बस हड़ताल अगर आखिरी वक्त तक नहीं टलती तो बसों के लिए दो दिनों तक हैरान परेशान होने के बजाय परिवहन मंत्री मदन मित्र को आप कोस नहीं सकते।हालांकि कुछ शक्की लोग अब भी इन महिला टैक्सी चालकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
परिवहन में नदारद महिलाएं
वैसे खास कोलकाता में यह कोई नयी बात नहीं है। बीस साल पहले नीलरतन सरकार अस्पताल में एंबुलेंस चलाती रही हैं एक महिला।लेकिन उनके रिटायर होने के बाद सरकारी परिवहन में महिलाएं सिरे से अनुपस्थित है। प्रगतिशील वाम जमाने में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में परिवहन में महिला चालकों की नियुक्ति नहीं हो पायी। हालांकि कुछ समय पहले वातानुकूल वाल्वो और सीएसटीसी की कुछ बसों में महिला कंडकटरों को नौकरी दे दी गयी हैं। लेकिन वे अब कहीं नहीं दीखतीं।
चार हजार नये परमिट
बहरहाल परिवहन मंत्री ने ऐलान कर दिया है कि पूजा से पहले महानगर कोलकाता में चार हजार नये टैक्सी परमिट जारी किये जायेंगे और महिलाओं ने अगर आवेदन किया तो उन्हें भी परमिट मिल जायेगा।
पूजा के दौरान ही
अब महिलाओं पर है कि वे कोलकाता मे टैक्सी चलाकार परिवर्तन जमाने में कानून व व्यवस्था औरमहिलाओं की सुरक्षा संबंधी शंकाओं को निर्मूल साबित कर पाती हैं या नहीं।
ऐसा हो गया तो पूजा के दौरान ही कोलकाता की सड़कों परमहिलाएं भी टैक्सीचलाती नजर आयेंगी।
रियायती दरों पर कर्ज भी
मदन बाबू ने वायदा किया है कि उन्हें बैंकों से रियायती ब्याज दरों पर कर्ज भी दिलायेगी सरकार।
सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक
हालांकि मदन बाबू ने यह साफ कर दिया है कि सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक महिलाओं को टैक्सी चलाने का परमिट दिया जायेगा।जाहिर है कि नवनीता दी की तरह लंदन में रात में टैक्सी चलाने का अवसर कोलकाता में महिलाओं को नहीं मिलेगा।हालांकि मदन बाबू यह भी कह रहे हैं कि यह बंदोबस्त शुरुआत के लिए है।
बसों में महिला कंडक्टर भी
मदन बाबू ने सरकारी बसों में महिलाओं को कंडक्टर पदों परनियुक्ति देने का वायदा भी किया है और ऐसी नियुक्तियों के लिए समय उन्होंने बांधा भी नही है।
माकपा ने स्वागत किया
माकपा ने भी इस उपक्रम का स्वागत किया है। पूर्व मंत्री रेखा गोस्वामी ने स्वागत के साथ यह दावा भी किया कि वाम जमाने में लक्जरी कारे चला रही थी तीन तीन महिलाचालक। वैसे आम तौर पर महिला सशक्तिकरण से जुड़ी संस्थाएं इस उपक्रम का स्वागत कर रही हैं।हालाकि रेखा जी ने महिला टैक्सी चालकों की सुरक्षा का इंतजाम करने पर भी जोर दिया है।
पटना में भी पहल
पटना की सड़कों पर जल्द ही आपको महिलाएं कैब की स्टेयरिंग थामे दिखेंगी. महिलाओं को टैक्सी चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।महिला ऑटो के सफल परिचालन से उत्साहित बिहार ऑटो चालक संघ ने अब महिलाओं को टैक्सी चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है। इसकी शुरुआत अक्टूबर से होगी। बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ ने ऑटो के बाद महिलाओं को चार चक्के की गाड़ियां चलाने का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है।
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