नयी दिल्ली। डीएमआईसी परियोजना के अंग के बतौर विकसित किये जाने वाले औद्योगिक शहरों द्वारा अगले 30 वर्षो में करीब 90 से 100 अरब डालर का निवेश आकर्षित करने की उम्मीद है। वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने रारज्यसभा को एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि ऐसी उम्मीद है कि विश्व स्तरीय आधारभूत ढांचे के साथ औद्योगिक शहरों का विकास अगले 30 वर्षो में करीब 90..100 अरब डालर का निवेश आकर्षित कर सकते हैं। दिल्ली.. मुंबई औद्योगिक गलियारा :डीएमआईसी: परियोजना के पहले चरण के दौरान सरकार ने सात औद्योगिक शहरों के विकास के लिए औसतन 2,500 करोड़ रुपये प्रति शहर के हिसाब से :प्रति शहर के लिए अधिकतम सीमा 3,000 करोड़ रुपये होगी: 17,500 करोड़ रुपये के वित्तीय सहायता को मंजूरी प्रदान की है। इन सात औद्योगिक शहरों में दादरी..नोएडा..गाजियाबाद निवेश क्षेत्र, मानेसर..बावल निवेश क्षेत्र, कुरुक्षेत्र..भिवाड़ी..नीमराना निवेश क्षेत्र और अहमदाबाद..धोलेरा निवेश क्षेत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के कारण करीब 2.8 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजित होगा। मंत्री ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में प्रगति है और उत्तर प्रदेश में 'मास्टर प्लानिंग' का काम शुरु हुआ है। उन्होंने कहा, ै राज्य सरकारों की तरफ से योगदान भूमि के रूप में होगा.. शहरों की शुरुआत 25..50 वर्ग किलोमीटर के टाउनशिप के विकास के साथ शुरु होगा जिसके वर्ष 2019 के अंक तक पूरा होने की परिकल्पना की गई है। ै डीएमआईसी परियोजना के तहत राजस्थान और गुजरात में तीन हवाईअड्डों का भी प्रस्ताव किया गया है। डीएमआईसी का उद्देश्य दिल्ली..मुंबई रेल फ्रेट कॉरिडोर के साथ मेगा औद्योगिक आधारभूत ढांचा निर्मित करना है जो लागू होने की प्रक्रिया में है। परियोजना के लिए जापान वित्तीय एवं तकनीकी सहायता दे रहा है जो सात राज्यों को अपने दायरे में लेगा जिसके दायरे में।,483 किमी आता है। |
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