Thursday, September 12, 2013

पूजा की चोरी और यौनकर्मियों को पूजा की इजाजत नहीं

पूजा की चोरी और यौनकर्मियों को पूजा की इजाजत नहीं

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

पश्चिम बंगाल में इस बार दुर्गोत्सव हर मायने में खास है। वामपंथी शासन में सीधे तौर पर नेताओं मंत्रियों की पूजा में भागेदारी वैचारिक तौर पर निषिद्ध थी। सार्वजनिक तौर पर धार्मिक आयोजनों में शामिल होने की मनाही थी।दिवंगत सुभाष चक्रवर्ती ही इस लक्ष्मणरेखा के अतिक्रमण की हिम्मत करते थे। अब हालत एकदम उलट है।मुख्यमंत्री तक धार्मिक आयोजनों में खुलकर भाग ले रही हैं। मंत्री अरुप विश्वास की ख्याति बतौर पूजा आयोजक की ही रही है। पूजा आयोजन से दूसरे नेता मंत्री भी जुड़े है। जाहिर है कि इस दुर्गोत्सव में सत्ता की गंध खूब होगी।


दूसरी ओर कोलकाता के गंगातट का सौदर्यीकरण की धूम है और पर्यटन बचाने के लिए राज्यसरकार दुर्गोत्सव की मार्केटिंग कर रही है।विदेशी पर्यटक न सिर्फ पंडालों में हाजिर रहेंगे बल्कि गंगा की जलयात्रा मार्फत वे इस त्योहार का आनंद उठायेंगे।


अर्थ संकट के बावजूद


देशभर में भारी आर्थिक संकट, बोनस में कटौती ,रुपये में गिरावट और दमतोड़ू मंहगाई के बावजूद पूजा बाजार बूम बूम है।


इसी के मध्य पहलीबार कोलकाता में पूजा चोरी का आरोप भी लग रहा है।बाकायदा पूजा आयोजन बेदखल। इसके साथ ही सनागाछी के यौनकर्मियों को पूजा की अनुमति न देने का मामला अदालत में पहुंच गया है।


पुलिसिया मदद और राजनीतिक संरक्षण


वैसे तो दुर्गोत्सव के दौरान चोरी राहजनी की वारदातें खूब बढ़ जाती है।लेकिन पूजा के ही चोरी हो जाने ी कोई नजीर नहीं   । इस बार की कोलकतिया पूजा की यह शायद सबसे सनसनीखेज खबर है। आरोप है कि इस चोरी के पीछे भी पुलिसिया मदद और राजनीतिक संरक्षण दोनों है।


जागरणी की पूजा

गड़ियाहाट के गोलपार्क के नजदीक जागरणी नामक संस्था पिछले 75 सालों से लगातार दुर्गापूजा का आयोजन करती रही है। अब उस पूजा के दखल की लड़ाई तेज है। बाहरी लोग इस पूजा पर कब्जा करके जागरणी को हाशिये पर डालने की कोशिश में हैं। वे लोग कह रहे हैं कि अबसे जागरणी नहीं, बल्कि वे ही पूजा का आयोजन करेंगे।इस मामले में वे बाकायदा रंग बाजी कर रहे हैं।


जागरणी के पूजा सचिव देवाशीष ने कहा कि बाहरी लोग उनसे पूजा का आयोजन छोड़ने को कह रहे हैं और उनकी पूजा की सरेाम चोरी हो रही है।

नगर निगम की अनुमति कूड़ेदान में


जादगरणी की इस 75 साल पुरानी पूजा के लिे नगर निगम की इजाजत है। अनुमोदन किया है लेक पुलिस थाना ने भी। चंदे की रसीद पर पुलिस की मुहर भी है। तमाम दस्तावेजों में पूजा सचिव औरदूसरे सदस्यों के नामोल्लेख हैं।लेकिन वे सारे दस्तावेज अब कूड़ेदान में हैं।


सत्ता की गंध

पूजा के दखलदार सत्तादल से जुड़े लोग बताये जा रहे हैं।सरेआम पूजा कमटी के लोगों को डराया धमकायाजा रहा है।पुलिस में रपट दर्ज करने के बाद चोरी के बाद सीनाजोरी बढ़ गयी है। पुलिस सत्ता संरक्षण के खिलाफ पूजा कमेटी की कोई मदद करने को तैयार नहीं है।नतीजा भयानक निकलता दीख रहा है।

सोनागाछी में पूजा की अनुमति नहीं


कोलकाता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से बाकायदा जवाबतलब किया है कि वह बतायें कि यौनकर्मियों को पूजा की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती।न्यायाधीश संजीव बंद्योपाध्याय ने यौनक्रमियों की संस्था दुर्बार महिला समन्वय समिति की याचिका पर सुनवाईकरते हुए यह आदेस जारी किया है। अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को है।तबतक पूजा निपट भी जायेगी।


अनुमति नहीं तो हाईकोर्ट में मामला


गौरतलब है कि सोनागाछी में पूजा के लिए बड़ताला थाने में दरख्वास्त दिया दुर्बार ने।दुर्बार की ोर से वकील अनिंद्य बंद्योपाध्याय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।


सरकारी दलील


पुलिस व राज्यसरकार के वकील ने अनुमति दिये जाने काविरोद करते हुए दलील दी कि सोनागाछी की घनी आबादी के बीच पूजा की इजाजत दी गयी तो विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जायगी।जिसे सुलझाना पुलिस के लिए संभव नहीं होगा।


पहले भी पूजा हुई है


दुर्बार के वकील का जवाब था कि अविनाश कविराज स्ट्रीट की जिस जगह पूजा की अनुमति मांगी गयी है, वहां विशाल पंडाल में पहले भी पूजा हुई है। गणेश पूजा।तो गणेश पूजा के लिए जब अनुमति दी गयी त उसी जगह दुर्गा पूजा की भी इजाजत दी जा सकती है।


न्याय की उम्मीद


दुर्बार सचिव भारती दे ने उम्मीद जतायी है कि हाईकोर्ट में उन्हें न्याय मिलेगा।


 



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