गुवाहाटी में सीबीआई सुदीप्त से पूछताछ करेगी। गोगोई का मुवाअजा देने से साफ इंकार।
राज्य के स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री हिमंत विश्वशर्मा, विधायक अंजन द्त्त और पूर्व पुलिस उपाधीक्षक खगेन शर्मा से सीबीआई पूछताछ करने वाली है।कहा जाता है कि हिमंत विश्वकर्मा के गुट में एक दो नहीं, बल्कि बाइस मंत्री हैं और वेसरकार का त्ख्ता पलटने की हैसियत में भी हैं। उन्हीं के संरक्षण में टीवी चैनल और अखबार समूह भी हैं। लेकिन राजनीतिक नतीजे की परवाह किये बिना गोगोई प्रशासक बनकर राजकाज निभाना चाहते हैं।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
शारदा चिटफंड प्रकरण की सीबीआई जांच असम और त्रिपुरा सरकार के सौज्नय से अब हो ही रही है। कोलकाता में हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए चार मुकदमों की सुनवाई जारी है और राज्य सरकार ने सीबीआई जांच का विरोध किया है। लेकिन धनेखाली और दूसरे मामलों में सीआईडी जांच पर जिस तरह असंतोष जताते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई जाच के आदेश जारी कर दिये हैं। उसके मद्देनजर सीबीआई जांच पुलिस की चुस्ती, सीबीआई का कर्मठता, श्यामल सेन आयोग और विशेष जांच टीम के जरिये रोक पाना मुश्किल होगी। लेकिन बंगाल में सीबीआई जांच हो या नहीं, सीबीआई गुवाहाटी में है और वहीं शारदा फर्जीवाड़े मामले में सीबीआई सुदीप्त से पूछताछ करेगी।
असम सरकार एकबार सुदीप्त को हिरासत में ले लें तो सीबीआई जांच अधिकारी सुदीप्त को अपने घेरे में ले ही लेंगे।
दूसरी ओर, असम सरकार ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ त्रिपुरा सरकार की तर्ज पर कार्रवाई तेज कर दी है। असम में इन कंपनियों के एजंटों ने असम एजंट एसोसिएशन बनाकर मुआवजे और सुरक्षा की मांग लेकर गुवाहाटी में सीबीआई की मौजूदगी में प्रदर्सन भी किया। लेकिन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने किसी भी तरह चिटफंड धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों या एजंटों को मुआवजा देने से साफ इंकार कर दिया है।दूसरी तरफ,यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी धड़े ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर संदिग्ध चिटफंड कंपनियों को न्योता देने को आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को ठगा।लेकिन इसका गोगोई पर कोई असर हुआ नही है और न वे अपनी तरफ से कोई सफाई दे रहे हैं या किसी पर आरोप लगा रहे हैं। असम सरकार ने चिटफंड से जुड़े 15 मामले मंगलवार को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिए हैं। इनमें से कुछ शारदा समूह, जीवन सुरक्षा समूह तथा रोज वैली से जुडे हुए हैं।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शारदा समूह घोटाले के मद्देनजर चिटफंड कंपनियों की जांच का काम सीबीआई को सौंपने की घोषणा की थी। असम पुलिस तथा अन्य जांच एजेंसियों ने 128 चिटफंड तथा अन्य फर्जी कंपनियों के खिलाफ 246 मामले दर्ज किए हैं।
असम में इस सिलसिले में राज्य के स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री हिमंत विश्वशर्मा, विधायक अंजन द्त्त और पूर्व पुलिस उपाधीक्षक खगेन शर्मा से सीबीआई पूछताछ करने वाली है।कहा जाता है कि हिमंत विश्वकर्मा के गुट में एक दो नहीं, बल्कि बाइस मंत्री ङैं और वेसरकार का त्ख्ता पलटने की हैसियत में भी हैं। उन्हीं के संरक्षण में टीवी चैनल और अखबार समूह भी हैं। लेकिन राजनीतिक नतीजे की परवाह किये बिना गोगोई प्रशासक बनकर राजकाज निभाना चाहते हैं। गौरतलब है कि विश्वशर्मा गोगोई मंत्रिमंडल में प्रभावशाली मंत्री है और मुख्यमंत्री उनका बचाव नहीं कर रहे हैं। उनसे पूछताछ होगी। विश्वशर्मा के शारदा समूह से मधुर संबंध होने के वैसे ही आरोप है जैसे कि बंगाल में मंत्रियों और सांसदों के अलावा पसत्तादल व विपक्ष के नेताओं, शारदा की सेवा में लगे पूर्व पुलिस अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों, केंद्रीय एजंसियों के अफसरों, परिवर्तनपंथी बुद्धिजीवियों और सीएमओ तक के अफसरों कर्मचारियों के साथ होने के आरोप हैं। अगर सीबीआई असम में मंत्री समेत दूसरे बड़े लोगों से पूचताछ करती है और सुदीप्त को भी अपने घेरे में ले लेती है तो दागियों का बचाव दीदी के लिए बेहद मुश्किल साबित होने वाला है।
असम के बारह जिलों में शारदासमूह का कोरोबार फैला हुआ था और वहां भी बंगाल की तरह लाखों लोग शारदासमूह और दूसरी कंपनियों के धोखाधड़ी के शिकार हुए। इस सिलसिले में असम के मुख्यमंत्री कोई ढिलाई नहीं बरत रहे हैं और न ही किसी का बचाव कर रहे हैं। क्षतिग्रस्तों को मुावजे के ऐलान की राजनीति न करते हुए उन्होंने साफ साफ कह दिया है कि इस मामले में कानूनी कार्वाई होगी और मुआवजे के नाम पर करदाताओं पर बोझ नहीं डाला जायेगा। उनके मुताबिक इस तरह मुआवजा देने के लिए कोई भी फंड अपर्याप्त होगा। उनके मुताबिक इससे समस्या सुलझने के बजाय और उलझ जायेगी।
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