---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2010/10/26
Subject: तरस आती है उस देश पर जो इंसाफ की मांग करनेवालों को जेल भेजना चाहता है
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
तरस आती है उस देश पर जो लेखकों की आत्मा की आवाज़ को खामोश करता है. तरस
-अरुंधति रॉय
--
Nothing is stable, except instability
Nothing is immovable, except movement. [ Engels, 1853 ]
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2010/10/26
Subject: तरस आती है उस देश पर जो इंसाफ की मांग करनेवालों को जेल भेजना चाहता है
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
तरस आती है उस देश पर जो इंसाफ की मांग करनेवालों को जेल भेजना चाहता है
तरस आती है उस देश पर जो लेखकों की आत्मा की आवाज़ को खामोश करता है. तरस
आती है उस देश पर जो इंसाफ की मांग करनेवालों को जेल भेजना चाहता है जबकि
सांप्रदायिक हत्यारे, जनसंहारों के अपराधी, कार्पोरेट घोटालेबाज, लुटेरे,
बलात्कारी और गरीबों के शिकारी खुले घूम रहे हैं.
-अरुंधति रॉय --
Nothing is stable, except instability
Nothing is immovable, except movement. [ Engels, 1853 ]
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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