Thursday, January 8, 2015

बच्चे की तरह - इरोम चानू शर्मिला

- इरोम चानू शर्मिला

बिना किसी से द्वेष के 
बिना किसी को चोट पहुंचाए
बोलने के नैसर्गिक अधिकार के साथ
मुझे जीने दो
बस किसी तीन महीने के
दुधमुंहे बच्चे की तरह

कल्पना की जादूई दुनिया के बिना
निर्मल निश्छल मन के घर में
किसी उपेक्षित सरल आत्मा की तरह
उम्मीद की बेसब्र चाहतों के साथ
मुझे जीने दो

एक समर्पित मां की तरह
इस अनमोल दुनिया को पालने के
अपने नैसर्गिक अधिकारों के साथ
मुझे जीने दो
बस किसी तीन महीने के
दुधमुंहे बच्चे की तरह
बगैर किसी लालसा के
तृप्त
निःस्वार्थ

(मूल मणिपुरी से लोंग्जाम जयचंद्र सिंह के अंग्रेजी अनुवाद का अश्विनी कुमार पंकज द्वारा हिंदी प्रस्तुति)

बच्चे की तरह  - इरोम चानू शर्मिला     बिना किसी से द्वेष के   बिना किसी को चोट पहुंचाए  बोलने के नैसर्गिक अधिकार के साथ  मुझे जीने दो  बस किसी तीन महीने के  दुधमुंहे बच्चे की तरह    कल्पना की जादूई दुनिया के बिना  निर्मल निश्छल मन के घर में  किसी उपेक्षित सरल आत्मा की तरह  उम्मीद की बेसब्र चाहतों के साथ  मुझे जीने दो    एक समर्पित मां की तरह  इस अनमोल दुनिया को पालने के  अपने नैसर्गिक अधिकारों के साथ  मुझे जीने दो  बस किसी तीन महीने के  दुधमुंहे बच्चे की तरह  बगैर किसी लालसा के  तृप्त  निःस्वार्थ    (मूल मणिपुरी से लोंग्जाम जयचंद्र सिंह के अंग्रेजी अनुवाद का अश्विनी कुमार पंकज द्वारा हिंदी प्रस्तुति)

बच्चे की तरह
- इरोम चानू शर्मिला

बिना किसी से द्वेष के 
बिना किसी को चोट पहुंचाए
बोलने के नैसर्गिक अधिकार के साथ
मुझे जीने दो
बस किसी तीन महीने के
दुधमुंहे बच्चे की तरह

कल्पना की जादूई दुनिया के बिना
निर्मल निश्छल मन के घर में
किसी उपेक्षित सरल आत्मा की तरह
उम्मीद की बेसब्र चाहतों के साथ
मुझे जीने दो

एक समर्पित मां की तरह
इस अनमोल दुनिया को पालने के
अपने नैसर्गिक अधिकारों के साथ
मुझे जीने दो
बस किसी तीन महीने के
दुधमुंहे बच्चे की तरह
बगैर किसी लालसा के
तृप्त
निःस्वार्थ

(मूल मणिपुरी से लोंग्जाम जयचंद्र सिंह के अंग्रेजी अनुवाद का अश्विनी कुमार पंकज द्वारा हिंदी प्रस्तुति)

No comments:

Post a Comment