Saturday, September 10, 2011

Fwd: [NAAGVANSH] शहरो मे 30-40 सालो से बसेरा कर रहे झोपड़ियो के...



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Date: 2011/9/10
Subject: [NAAGVANSH] शहरो मे 30-40 सालो से बसेरा कर रहे झोपड़ियो के...
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शहरो मे 30-40 सालो से बसेरा कर रहे झोपड़ियो के...
Kuldeep Wasnik 5:03pm Sep 10
शहरो मे 30-40 सालो से बसेरा कर रहे झोपड़ियो के लोगो का विस्थापण करना औरउनको स्थाई जमीन ना देना एक षडयंत्र
By Kuldeep Wasnik

देहातों से रोजगार खत्म हो रहा है ।खेती जमीन का मालिक किसान खुद आत्महत्या कर रहा है, तो लोग गाँव छोड़कर रोजी रोटी की तलाश मे शहरो मे आते है ।यहा कंपनी, कारखानो के ठेकेदार उनका शोषण करते है ।उनको न सुरक्षित रोजगार उपलब्ध है और ना ही रहने के लिए सुरक्षित छत है ।लोग झोपड़िया बनाकर अपने परिवार के साथ जीने के लिए संघर्ष कर रहे है । ना ही उनका कोई भविष्य है ,और ना उनके बच्चो का ।ऊन बस्तियो मे शिक्षा और स्वास्थ की कोई सुविधाए नही है ।सरकार उनका भविष्य बनाने की बजाए भविष्य उजाडने के काम मे लगी हुई है ।30-40 सालो से बसेरा कर रहे झोपड़ियो के लोगो को टाँवर्स-माँल्स बनाने के लिए वहासे हटाया जा रहा है । 'राइट टू लिव्ह' का उल्लंघन कर सरकार लोगो को रोटी कपड़ा और मकान से वंचित कररही है । जानवरो के लिए पार्क बनाए जाते है , मगर हमारे लोगो को रहने के लिए जगह नही दी जा रही है ।यह एक भयानक षडयंत्र हमारे लोगो के साथ किया जा रहा है ।इसका हमे तीव्र विरोध करना चाहिए ।
July 20 at 11:52pm

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Palash Biswas
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