Thursday, December 18, 2014

ना ! ना ! मि तैं राज्य सभाक टिकेट नी चयेणु च !

ना ! ना ! मि तैं राज्य सभाक टिकेट नी  चयेणु च !

                                     चबोड़्या , चखन्यौर्या , घपरोळया ::: भीष्म कुकरेती 

अजकाल हरेक पार्टीक राजनेता म्यार पैथर पुड्यां छन कि मि राज्यसभाक सदस्य बण जौं।  ब्याळि एक नेता मिल अर वैक दगड़ सि  छ्वीं लगिन -
नेता - भै तुम हमर राज्यसभाक मेंबर बण जावो। 
मि -हैं ? मीम त एक लाल पैसा बि नी च , मीम एक हजार रुप्या  बि नि छन अर राज्य सभाक मेंबर बणणो बान करोड़ो चयेंदन।  
नेता -नै नै राज्य सभा सदस्य बणनो बान रुप्यों जरूरत नि हूंद। 
मि -तुम विजय मल्ल्या तैं पुछि ल्यावो , मायवती तैं पुछि ल्यावो, तुम झारखंड मा जैक पता लगै  ल्यावो कि राज्य सभाक मेंबर बणनो क्या रेट चलणा छन। 
नेता -नै नै हमर पार्टी तुमतैं बगैर रुप्या खयाँ राज्यसभाक मेंबर बणै द्याली 
मि -इन काण्ड किलै लगिन कि बगैर रुप्या खयाँ तुम मि तैं मेंबर बणाना छंवां ? 
नेता -जरा नया , तरोताजा अर ऊर्जावान  खून चयाणु च। 
मि -हैं नया खून ?
नेता -हाँ ?
मि -कनो मुलायम सिंग , लालू यादव जन क्षेत्रीय दलों मा या राष्ट्रीय दलों क नेताओं का राजकुमार -राजनकुमार्युं की कमी पोड़ गे क्या ?
नेता -ना ना ! अब त हरेक नेता अपण नाती -नतण तैं उत्तराधिकार मा राज्यसभा सीटौ गिफ्ट दीणो देळि  मा बैठ्युं च।  असल मा हम तैं फ्रेश ब्लड याने फ्रेस विचारवाळ क्रियेटिव चयाणु च। हम तैं  मेहनत करण वाळ नेता चयाणु च।  नेताओं बेटा -बेटी -ब्वारि -भणजि  लोग अब राजयसभा मा मेनत नि करदन। 
मि -यी भांजा -भांजी मेनत किलै नि करदन ?
नेता -यी भाई  -भतीजा राज्य सभा क्या , लोकसभा तैं बि दिल बिळमाणो ,  बहलाणो, टैम पास करणो अड्डा समजदन। तो हम तैं कुछ काम करणो बान प्रोऐक्टिव मेंबर चयाणा छन। 
मि -मि तैं राज्य सभा मा क्या करण पोड़ल ?
नेता -भौत  सा काम छन। 
मि -जन कि 
नेता -पैल च कि क्वी बि बात हो जरा बि सरकारी मंत्री खड़ो ह्वावो ना या विरोधी दल का नेता खड़ो ह्वे ना कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की बात इन उठाण कि राजयसभा मा अधा घंटा तक काम इ नि हो।  
मि -मतबल मि विरोधी दल कु मेंबर हूँ या सरकारी दल कु मेंबर हूँ प्वाइंट ऑफ ऑर्डरकी बात उठैक राजयसभा मा काम नि हूण दीण। 
नेता -हाँ !
मि -मतबल प्वाइंट ऑफ ऑर्डर से राज्य सभा मा डिसॉर्डर फैलाण?
नेता -हाँ राज्यसभाक मेंबर कु पैलु धरम च कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डरका नाम पर राज्य सभा नि चलण दीण। 
मि -दुसर काम ?
नेता -दुसर काम च कि अखबारौ न्यूज तैं अधिक अहमियत दीण अर न्यूज का आधार पर सरकारी दल या विरोधी दल तैं घिराण , पटकनी दीण , लांछन लगाण। 
मि -जन कि ?
नेता -जन कि कै अंग्रेजी अखबारम खबर ह्वावो कि राज्यसभा मा सांसदुं सीटूँ मा काँटा बिछ्यां छन तो यदि विरोधी दल मा रावो तो इथगा घ्याळ करण कि घ्याळ ही कांड बण जावो  अर यदि सरकार  का पक्ष मा रौण तो विरोध्युं विरोध मा इथगा ऐड़ाण कि ऐड़ाट कंटीला तार बाड़ बण जावो।  
मि -ह्यां पर सांसद खुद बि त देख सकदन कि सीटूँ मा अछेकि कांड बिछ्याँ छन कि ना?
नेता -ओहो !  राजनीति मा, पॉलिटिक्स मा या संसद मा असलियत से क्वी मतलब नि हूंद। राजनीति मा अहम बात च कि बबाल खड़ कौरिक पॉलिटिकल इक्विटी स्कोरिंग कथगा ह्वे।  पॉलिटिक्स मा पॉलिटिकल इक्विटी स्कोरिंग महत्वपूर्ण च। 
मि -औउ ! फिर ?
नेता -फिर क्या यदि जैबरी विरोधी दल मा रौण त हर दुसर तिसर वाक्य मा प्रधानमंत्री संसद में आएं , प्रधानमंत्री जबाब दें या प्रधानमंत्री इस्तीफा दें शब्द आण इ चयेंदन। 
मि -अर यदि मि सरकारी दलौ सांसद हूँ तो ?
नेता -तो हर वाक्य माँ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या हमारी नेत्री सोनिया गांधी शब्द आण इ चयेंदन या अम्मा जयललिता , करुणानिधि , मुलायम सिंग , लालू यादव , नितीश कुमार , उद्धव ठाकरे , ममता बनर्जी शब्द आण चयेंदन।
मि -त यांकुण मेरि क्या जरूरत ? इन चाटुकारों , चट्वो , चापलूसूं से त द्वी संसद भर्यां छन। 
नेता -नै नै ! तुम तैं चाटुकारिता करणो बान हम संसद मा नि भिजणा छंवां। 
मि -तो ?
नेता -जब बिटेन तृणमूल कॉंग्रेस का सांसद शारदा चिटफंड स्कैम का अपण पाप छुपाणो बान विरोध का नया नया तरीका से संसद मा गंध फैलाणा छन तब बिटेन पॉलिटिकल एरिना याने राजनीतिक गलियारों मा बात उठणि च कि अपण पाप लुकाणो बान स्टंटबाजी का वास्ता नया नया इन्नोवेटिव तरीका चयेणा छन। चूँकि तुम लेखक बि छंवां अर मार्केटिंग मा बि छंवां तो हम तैं इन सांसद चयाणु च जु रोज एक स्टंट करिक द्वी काम दगड़ी करण -अपण पाप बि छुपाण अर पब्लिसिटी बि पाण। 
मि -मतबल प्रजातंत्र का नाम पर खुलेआम नंगा नाच ?
नेता -हाँ बस तुम तैं द्वीइ काम करण एक त जब मर्जी हो संसद नि चलण दीण अर अपण पाप छुपाणो वास्ता नंगा नाच करण। 
मि -ये मेरि ब्वै ! तो तुम राजनेता 2014 का चुनावुं से कुछ नि सीखा हैं कि जनता तैं हर समय बेवकूफ नि बणये सक्यांद।   
नेता -मतबल तुम राज्यसभा सदस्य नि बणन चांदवां ?
मि -ना संसद नि चलो अर पाप छुपाणो बान सांसद बणन से भलो तो मि गढ़वळि लेखों से जनजागृति करण अधिक उत्तम समजदो कि अग्वाड़ी इन अफखवा , स्वार्थी , धुर्या लोग संसद मा इ नि पौंछन। 



18 /12 /14 Copyright Bhishma Kukreti , Mumbai India 


   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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