Monday, September 9, 2013

Fwd: [पुस्‍तक-मित्र] क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश के जन्मदिवस पर...




Satya Narayan
Satya Narayan 2:08pm Sep 9
क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश के जन्मदिवस पर उनकी एक कविता
सबसे ख़़तरनाक.........

श्रम की लूट सबसे ख़़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़़तरनाक नहीं होती
ग़़द्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे ख़़तरनाक नहीं होती
बैठे-सोए पकड़़ जाना - बुरा तो है
सहमी सी चुप में जकड़़ जाना - बुरा तो है
पर सबसे ख़़तरनाक नहीं होता है
कपट के शोर में
सही होते हुए भी दब जाना - बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़़ने लग जाना - बुरा तो है
भींचकर जबड़़े बस वक़्त काट लेना - बुरा तो है
सबसे ख़़तरनाक नहीं होता
सबसे ख़़तरनाक होता है
मुर्दा शान्ति से भर जाना
न होना तड़़प का, सब सहन कर जाना,
घर से निकलना काम पर
औैर काम से लौट कर घर जाना
सबसे ख़़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
-पाश
अवतार सिंह पाश की सभी कविताओं का एक संग्रह परिकल्पना प्रकाशन ने हिन्दी में प्रकाशित किया है। देखने के लिए क्लिक करें।
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=480779245351191

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