Wednesday, 11 September 2013 09:11 |
केदारनाथ। उत्तराखंड में जून में भीषण प्राकृतिक आपदा की वजह से मची तबाही के बाद केदारनाथ मंदिर में पसरा सन्नाटा आज सुबह मंत्रोच्चार के साथ ही खत्म हो गया जब केदार घाटी में 400 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाली बाढ़ की विभीषिका के 86 दिन बाद इस हिमालयी तीर्थ में प्रार्थना और पूजा हुई। बेघरों को 30 अक्तूबर तक मिल जायेगी छत, वैज्ञानिक तरीके से बसेगा केदारनाथ : विजय बहुगुणा
प्रधान पुजारी के साथ बड़ी संख्या में पुरोहित और बद्रीनाथ केदारनाथ समिति के अधिकारी मौजूद थे। सामूहिक मंत्रोच्चार और पवित्र शंख की ध्वनि से पूरा मंदिर गूंज उठा। बहरहाल, 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में फिलहाल किसी भी श्रद्धालु को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस प्रख्यात हिमालयी मंदिर की यात्रा बहाल करने की तारीख तय करने के लिए 30 सितंबर को एक बैठक बुलाई गई है। पूजा के लिए मंदिर की सफाई करने के बाद उसे बहुत ही अच्छी तरह सजाया गया। इससे पहले राज्य में आई भीषण बाढ़ का असर मंदिर पर भी पड़ा था और वहां 86 दिन तक खामोशी छाई रही थी। बाढ़ के कारण पहाड़ी जिले रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ बुरी तरह प्रभावित हुए तथा आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 600 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस आपदा में 4,000 से ज्यादा लोग लापता भी हो गए। |
Tuesday, September 10, 2013
केदारनाथ : ‘शुद्धिकरण’और ‘प्रायश्चितकरण’के बाद शुरू हुई पूजा
केदारनाथ : 'शुद्धिकरण'और 'प्रायश्चितकरण'के बाद शुरू हुई पूजा
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